Explained: Farm Bills 2020 | कृषि बिल विधेयक क्या है

हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुए कृषि बिल के बारे में बात करने वाले है | इन तीनो बिलो में से दो बिल ऐसे भी है जो राज्यसभा से भी पारित हुए है | सरकार के अंदर इन बिलो को समर्थन नहीं मिला है और इसके कारन देश की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कैबिनेट से इस्तीफा भी दे दिया था |

लेकिन सरकार का मानना यह है की यह बिल किसानो की भलाई के लिए है | इन बिलो से किसानो की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें इसका फायदा होगा | फिर भी किसान इस विधेयकों का विरोध कर रहे है तो आखिर इन विधेयकों में ऐसा क्या है | चलिए तो समझते है |

यह तीन बिल कुछ इस प्रकार के है |

१. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, २०२०

२. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, २०२०

३. कृषक (सशक्तिकरण व् संरक्षक) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, २०२०

इन तीनो बिलो के बारे में समझते है

१. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, २०२०:

लोकसभा ने १५ सितंबर २०२० को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, २०२० मंजूरी दे दी | किसानो की आय बढ़ाने के उद्देश्य से लोकसभा ने आवश्यक वस्तु अधिनियम संधोधन बिल २०२० को पास कर दिया | इस बिल ने खाद्य पदार्ध जैसे अनाज दाने और प्याज को नियंत्रण मुक्त करने का प्रावधान है |

अब इसके पीछे का कारन क्या है उसे समझते है |

संसद में आवश्यक वस्तु अधिनियम को १९५५ में पारित किया था | तब से सरकार ने इस कानून की मदत से आवश्यक वस्तु का उत्पादन आपूर्ति और वितरण निंयत्रण करती रही है | इससे आवश्यक वस्तु उपभोक्तओ को मुनासिफ दाम पर उपलब्ध होती है और मोदी सरकार का कहना है की संशोधित विधेयक से उत्पाद, उत्पादसीमा, वितरण व आपूर्ति की आजादी मिलेगी और विक्री की अर्धव्यवस्था को बढाने में मदत भी मिल सकेगी | इससे कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र और विदेशी निवेश आकर्षित होगा |

आवश्यक वस्तुए क्या होती है?

आवश्यक वस्तु के सूचि में से बहुत सी वस्तु जोड़ी गयी है और कुछ हटायी भी गयी है | जून के महीने में साल २०२० में बिल पारित होने से पहले आवश्यक वस्तुए तेल, फर्टिलाइज़र, सूत, पेट्रोलियम उत्पाद, रुई के बीज, जानवरो का चारा इत्यादि इसमें आते थे लेकिन जब कोरोना का कहर आया तो इसमें फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र भी शामिल कर दिया गया |

इसका मतलब यह है की सरकार उस वस्तु की कीमत, उसका उत्पादन, वितरण को नियंत्रण कर सकती है साथ ही उस वस्तु के भंडार को नियंत्रण कर सकती है | आपने देखा होगी की जब प्याज और दालो के दाम जब बढ़ते है तब सरकार उसे नियत्रंन करती है |

अब नए बिल में ऐसा क्या है?

आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, २०२० इसमें अनाज, खाद्य तेल, प्याज आलू को आवश्यक वस्तु के सूचि से हटाने का प्रावधान किया गया है | इससे सरकार का हस्तक्षेप की आशंका दूर हो जाएगी | उत्पाद, उत्पाद सिमा, वितरण और आपूर्ति की विक्री बढ़ाने में आजादी मिलेगी | इससे किसान मजबूत होगा |

२. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, २०२०:

इस विधेयक में APMC (Agricultural Produce Market Committee) मतलब ऐसा बाजार जहा किसान अपना उत्पाद बेच सकते है | इन बाजारों का संचालन राज्य सरकार करती है | हर राज्य में इनसे जुड़े कुछ कायदे भी होते है | कुछ राज्य में नियम है की किसान अपनी फसल को केवल APMC मंडी में ही बेच सकता है और बदले में उन्हें फसल की कीमत भी दी जाती है |

नए बिल के अनुसार किसान अब APMC बाजारों के बाहर किसी को भी अपनी उपज बेच सकता है | जिसपर अब कोही नियंत्रण नहीं है | जबकि APMC में पहले अलग-अलग राज्यों में कर लगाए जाते थे | पंजाब में यह शुल्क ४ फीसदी है | यह बिल १७ सितंबर को लोकसभा में पास हुवा और २० सितंबर को राज्यसभा से भी पारित हो गया |

३. कृषक (सशक्तिकरण व् संरक्षक) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, २०२०:

सरकार के अनुसार इस बिल का उद्देश्य यह है की किसानो की उनके फसलों की निश्चित कीमत दी जाए | इस बिल के तहत किसान फसल उगाने से पहले किसी भी व्यापारी से समझौता कर सकता है | इसमें फसल की कीमत, खाद का इस्तेमाल और उपज के बारे में किसान समझौता कर सकते है | इसमें मालिकाना हक़ किसान के पास ही रहेगा | हो सकता है बीज और अन्य उपज से खर्चे व्यापारी को भी उठाना पड़ सकता है |

बिल के मुताबिक व्यापारी को फसल मिलने के बाद तय कीमत का जो दो तिहाई हिस्सा है वो किसान को चुकाना पड़ेगा | बाकि का पैसा तिस दिन के भीतर देना होगा | इसमें खेत से फसल को ले जाने की जिम्मेदारी व्यापारी की होगी | अगर दोनों में से कोही एक पक्ष करार को तोड़ता है तो उन्हें नियम के अनुसार पेनल्टी भी लग सकती है |

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